नई दिल्ली। मोदी शासन में कुछ अलग ही खुमारी देशवासियों में छा गई है। पहले जहां राजनीति की गंदगी में धर्म को रौंद दिया जाता था, आज वो धर्म अपने अस्तित्व को वापस पा चुका है। समस्त संसार का यही कहना है कि मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो धर्म के साथ देश भी चला रहे हैं। गौरव की बात तो यह है कि इन सब बातों के बाद भी देश में लोकतंत्र पूरी तरह मजबूत खड़ा है। जिसका नतीजा यह है कि सभी जाति और धर्म के लोग यहां खुलकर सांस ले रहे हैं।
आप को बता दे की लेकिन जिसकी वर्षों से लोगों को आस थी वो बात यह थी कि भारत देश जहां सबसे अधिक संख्या में हिंदू धर्म के अनुयायी निवास करते हैं। वे सभी भाई-बंधू खुलकर और सीना चौड़ा कर चल रहे हैं। यह बदलाव किसी और वजह से नहीं बल्कि पीएम मोदी और योगी जैसे हिंदुत्व के रक्षकों की वजह से आया है। जिसमें इन जैसे कई लोगों का अस्तित्व उजागर करने में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने सदा ही एक शिक्षक और रक्षक बन साथ दिया है।
अब मुद्दा यह है कि मोदी जैसा प्रधानमंत्री बेखौफ बिना डरे देश चलाने के साथ ही अपने धर्म को उसी तरह महत्व दे रहे हैं। जिसका परिणाम यह है कि सारा संसार मोदी के इस स्टाइल और अंदाज को सजदा कर रहा है। लेकिन कुछ असमाजिक तत्व इसमें बाधक बन रहे हैं। वे ऐसे सवाल उठा रहे हैं जिनका जवाब हिंदू से बने हिंदुस्तान में तो उठाने की गुस्ताखी कभी गलती से भी नहीं करनी चाहिए। अब इनका सवाल यह है कि मोदी हिंदुत्व को बढ़ावा देकर संविधान को दुत्कार रहे हैं और लोकतंत्र की जगह तानाशाही शासन चला रहे हैं।
No comments:
Post a Comment