इस्लामिक आतंकी संगठन ने 8 हिन्दू तीर्थ यात्रियों की हत्या कर दी
पर बुद्धिजीवी अब आतंकियों के बचाव में फिर उतरकर कहने लग गए है की, आतंकवाद का कोई मजहब नहीं है, ये कश्मीरियत को बदनाम करने की साजिश है, इसे हिन्दू मुस्लिम से नहीं जोड़ना चाहिए
साफ़ तौर पर मुस्लिम आतंकियों ने हिन्दू तीर्थ यात्रियों को निशाना बनाया, घात लगाकर हमला किया और उनकी हत्या कर दी, 8 की मौत हो गयी है, 12 से अधिक जिंदगी और मौत से जूझ रहे है
और हमारे बुद्धिजीवी लोग फिर एक बार आतंकवाद के बचाव में है
पीड़ितों के प्रति 1 शब्द नहीं कहना, पर "आतंक का कोई मजहब नहीं" का डायलॉग हर जगह मारते रहना
कुछ दिनों पहले ये लोग "नॉट इन माय नेम" नामक प्रदर्शन चला रहे थे
जुनैद खान नाम के मुस्लिम शख्स की हत्या सीट को लेकर हुई लड़ाई के बाद हो गयी, इस हत्या को ये लोग मुसलमानो पर अत्याचार बताने लगे, इसे हिन्दू आतंकवाद से जोड़ दिया गया
पर 8 हिन्दू तीर्थ यात्रियों की हत्या पर शाहिद सिद्दीकी नाम का "नॉट इन माय नेम" वाला हीरो
कह रहा है की, "अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले को हिन्दू मुस्लिम से नहीं जोड़ सकते, ये तो भारत पर हुआ हमला है"
ये वही शख्स है जो जुनैद हत्याकांड को "मुसलमानो पर अत्याचार" बता रहा था
आईएएस अधिकारी संजय दीक्षित ने भी शाहिद सिद्दीकी और इन जैसे लोगों को करारा जवाब दिया है, संजय दीक्षित ने कहा की
जुनैद की हत्या जो की सीट को लेकर हुई वो मुसलमानो पर हमला है, हिन्दू आतंकवाद है
पर हिन्दू तीर्थ यात्रियों की हत्या का हिन्दू मुस्लिम से कोई लेना देना नहीं, ये भारत पर हमला हो गया, हद मचा दी है सेकुलरिज्म की बातें करने वाले दोगले लोगों ने
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