यह हो रहा है वायरल
वायरल मैसेज में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर जारी किए गए एक लेटर के साथ दावा किया जा रहा है कि क्या वेस्ट बंगाल भारत से अलग है? ममता बनर्जी ने तुगलकी फरमान जारी कर राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस मनाने पर रोक लगा दी है। लोगों ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में की है। इसी से जुड़े अन्य मैसेज में कहा जा रहा है कि ममता सरकार केंद्र के स्वतंत्रता दिवस मनाने के नियमों के खिलाफ हैं। बंगाल में स्वतंत्रता दिवस न मनाने का आदेश देने वाली ममता को नहीं पता कि बंगाल अभी भारत में ही है?
सामने आई ये सच्चाई
वायरल मैसेज में दावा ममता बनर्जी के लेटर के हवाले से किया जा रहा है, इसलिए हमने वहां के सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर इससे जुड़ी जानकारी सर्च की। काफी सर्चिंग के बाद हमें 11 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस से जुड़ा बंगाल सरकार का एक लेटर मिला। पश्चिमबंग सर्व शिक्षा मिशन की ओर जारी इस लेटर में लिखा था कि 25 जुलाई को सेंट्रल एचआरडी मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी की ओर से आए लेटर में पश्चिम बंगाल के स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस मनाने के जो तरीके बताए गए थे उन तैयारियों को फौरन रोक दिया जाए। केंद्र के बताए फॉर्मेट से राज्य में स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाएगा।
सच तक पहुंचने के लिए अब ये जानना भी जरूरी था कि 25 जुलाई के सेंट्रल एचआरडी मिनिस्ट्री के लेटर में स्वतंत्रता दिवस मनाने के कौन से तरीके लिखे थे, ममता सरकार ने जिसके हिसाब से राज्य में 15 अगस्त मनाने से मना किया। काफी सर्च करने के बाद हमें ये लेटर भी मिल गया। लेटर सेंट्रल एचआरडी मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी मनीष गर्ग की ओर से सभी राज्य सरकारों को भेजा गया था। इसमें स्वच्छता की शपथ लेने, प्रभात फेरी निकालने समेत स्वतंत्रता दिवस मनाने को लेकर 10 तरीके बताए गए थे। सभी राज्यों को 8 से 15 अगस्त तक इन कार्यक्रमों को अपने यहां करवाने और फिर 20 अगस्त तक इसकी रिपोर्ट सेंट्रल एचआरडी मिनिस्ट्री को देने को कहा था।
इस पूरे मामले को लेकर वेस्ट बंगाल के एजुकेशन मिनिस्टर पार्था चटर्जी का कहना है कि हम केंद्र सरकार की ओर से लेटर भेजकर बताए गए फॉर्मेट में नहीं, बल्कि 69 साल से जैसे वेस्ट बंगाल में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता रहा है, वैसे ही इस बार भी मनाएंगे। बीजेपी हमें देशभक्ति का पाठ न सिखाए। केंद्र सरकार के बताए मुताबिक राज्य के करीब 2 लाख स्कूलों में इन कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी करवाकर उन्हें भेजना मुमकिन नहीं है।
क्या ममता सरकार के खिलाफ कड़ी जाँच होनी चाहिए ? और पूछा जाना चाहिए कि बंगाल भारत में तो है न ?
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