गोरखपुर
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सिजन की सप्लाइ करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड पर पुलिस ने छापे की कार्रवाई की है। कंपनी के मालिक मनीष भंडारी के कई ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। घटना के बाद से भंडारी फरार चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस के बड़े अधिकारियों के दबाव के चलते भंडारी सामने नहीं आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक छापे की कार्रवाई शुक्रवार रात ही शुरू कर दी गई थी। हालांकि कंपनी की ओर से दावा किया जा रहा है कि ऑक्सिजन की सप्लाइ रोके जाने से मौतें नहीं हुई हैं[ads-post]
बताया जा रहा है कि पुलिस के रवैये से कंपनी के मालिक मनीष भंडारी काफी डरे हुए हैं। उनके रिश्तेदारों और संबंधियों के यहां भी रेड डाली गई है। छापे की कार्रवाई के बाद कंपनी ने अपना पक्ष भी रखा है। कंपनी की अधिकारी मीनू वालिया ने कहा, ‘ऑक्सिजन कट-ऑफ की वजह से मौतें नहीं हुई हैं, कोई इस तरह सप्लाइ नहीं रोक सकता है, हमें पता है इसका नतीजा क्या होगा।’ वालिया ने बताया कि कंपनी ने लगातार पेमेंट का भुगतान किए जाने के सिलसिले में संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन कभी कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।
गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में मचे कोहराम के दौरान बाल रोग विशेषज्ञ और इंसेफलाइटिस वार्ड के हेड डॉ काफिल खान के रोल की जबर्दस्त तारीफ हो रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर संकट की घडी में डॉ काफिल खान अस्पताल में मौजूद नहीं होते तो मरने वाले बच्चों की संख्या और भी बढ़ सकती थी। अंग्रेजी वेबसाइट डीएनएइंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक जब अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गया तो डॉ कफील खान ने अपने दोस्त के नर्सिंग होम से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाये। लेकिन सोशल मीडिया पर कई लोगों ने डॉ कफील खान की भूमिका पर सवाल उठाये हैं। और उनके पिछले ट्वीट्स, बैकग्राउंड रिकॉर्ड पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन ये कफील खान गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में तैनात डॉ कफील खान ही हैं जनसत्ता इसकी पुष्टि नहीं कर सकता है।
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